नेहरू-इंदिरा से लेकर कीचड़, कमल तक विपक्ष पर मोदी ने ऐसे किया पलटवार: पढ़े विस्तार से

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना संबोधन दिया। पीएम के भाषण शुरू होने से पहले ही विपक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, तेज नारेबाजी और हूटिंग के बीच पीएम मोदी ने विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की योजनाओं से लेकर विकास के मुद्दे तक पर अपनी बात रखी। इस बीच, प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की तमाम योजना का जिक्र करते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करके गांधी परिवार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में भाषण के दौरान क्या-क्या कहा।

1. कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल
अपने संबोधन की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों पर तंज कसा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है और गंभीरता से लेता है। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है।’ पीएम ने आगे कहा, ‘इस प्रकार की प्रवृत्ति के सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।’ 

2. एक परिवार ने 60 साल में गड्ढे ही गड्ढे दिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संबोधन का भी जिक्र किया। कहा, ‘कल विपक्ष के खरगेजी ने कहा कि 60 साल में उन्होंने मजबूत बुनियाद बनाई। उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है। 2014 में आकर जब मैंने बारीकी से चीजों को देखने का प्रयास किया तो नजर आया कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। उनका इरादा नेकी का होगा, लेकिन गड्ढे कर दिए थे।’ यह भी पढ़े:विधान सभा में अखिलेश ने शिवपाल को दिया आगे की कुर्सी: पढ़े विस्तार से

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक इन्हीं की दुनिया चलती थी। देश भी आंख बंद करके उनका समर्थन करता था, लेकिन उन्होंने ऐसी कार्यशैली और कल्चर बनाया कि एक भी चुनौती का परमानेंट सॉल्यूशन निकालने का न सोचा, न सूझा और न प्रयास किया। हमारी सरकार की पहचान पुरुषार्थ के कारण बनी है। एक के बाद एक उठाए गए कदमों के कारण बनी है। आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ 

3. जनता ने खाता ही बंद कर दिया 
प्रधानमंत्री ने फिर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का जिक्र किया। कहा, ‘खरगेजी शिकायत कर रहे थे कि मोदीजी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मोदीजी कलबुर्गी आ जाते हैं… मैं आता हूं शिकायत करने से पहले ये भी देखो कि कर्नाटक में एक करोड़ 70 लाख जनधन अकाउंट खुले हैं। उन्हीं के इलाके कलबुर्गी में आठ लाख से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं। अब बताइए इतने खाते खुल जाएं, लोगों को ताकत मिल जाए और किसी का इतने सालों के बाद खाता बंद हो जाए तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं। बार-बार उनका दर्द झलकता है।’ पीएम मोदी यहीं नहीं रूके। आगे उन्होंने कहा, ‘कभी वह (मल्लिकार्जुन खरगे) यहां तक कह देते हैं कि एक गरीब को हरा दिया। उन्हीं के इलाके की जनता ने दलित तो जिता दिया। जनता आपका खाता बंद कर रही है और आप रोना यहां रो रहे हो।’ 

4. नेहरु सरनेम से शर्मिंदगी क्यों
पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरु का जिक्र करते हुए गांधी परिवार पर बड़ा हमला किया। कहा, ‘600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू के परिवार के नाम पर हैं। अगर अब किसी कार्यक्रम में नेहरू जी का नाम नहीं प्रयोग हुआ तो कुछ लोगों का खून गर्म हो जाता था, लेकिन मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में। इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, यह जन-जन की पीढ़ियों से बना देश है। यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं। हमने मेजर ध्यान चंद्र के नाम पर खेल खत्न का नाम रख दिया। हमें गर्व हो रहा है। जो लोग आए दिन हमारे देश की सेना को नीचा दिखाने का मौका नहीं छोड़ते, हमने द्वीपों को परमवीर चक्र पाने वाले वीरों के नाम पर रख दिया। 

5. इंदिरा गांधी का जिक्र करके भी गांधी परिवार को लिया आड़े हाथों
प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का जिक्र करके भी गांधी परिवार पर हमला किया। बोले, ‘जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं। उन्होंने राज्यों के अधिकारों को घज्जियां उड़ा दीं। मैं कच्चा-चिट्ठा खोलना चाहता हूं। वो लोग कौन थे, जिन्होंने आर्टिकल 356 का दुरुपयोग किया? वे लोग कौन हैं, जिन्होंने यह किया और चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 पर प्रयोग किया, वह नाम है इंदिरा गांधी।’ मोदी ने वामदलों को सुनाते हुए कहा, ‘केरल में वामपंथी सरकार चुनी गई, जिसे पंडित नेहरू पसंद नहीं करते थे। कुछ ही दिनों में चुनी हुई सरकार को गिरा दिया। डीएमके के मित्रों को भी बताता हूं। तमिलनाडु में भी एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की कई सरकारों को कांग्रेस वालों ने गिरा दिया। एमजीआर की आत्मा देखती होगी, आप कहां खड़े हो।’ 

6. पहले इनका काम लटकाना, भटकाना था
पीएम मोदी ने कहा तमाम परियोजनाओं का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। कहा, ‘हमने सीधे जनधन खाते में लाभार्थियों को पैसे भेजे। हम नया इको सिस्टम लाए। जिन लोगों को पुराने इको सिस्टम के फायदे मिलते थे, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है। पहले परियोजनाएं लटकाने, भटकाने का कल्चर था। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया और इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को गति देने का काम किया। योजनाएं बनाने में महीनों लगते थे, आज सप्ताहभर में योजनाएं आगे बढ़ा दी जाती हैं। यह भी पढ़े:जनता की कमाई से सपा सरकार में होता था सैफई महोत्सव:  मंत्री नंद गोपाल नंदी 

पीएम ने कहा, ‘कोई भी जब सरकार में आता है तो देश के लिए कुछ करने के वादे करके आता है। जनता का भला करने के वादे करके आता है। सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। जैसे कभी कहा जाता था गरीबी हटाओ, चार दशक में कुछ नहीं हुआ। विकास की गति क्या है? विकास की नीयत, उसकी दिशा, प्रयास, परिणाम क्या है? ये बहुत मायने रखता है। जनता की आवश्यकताओं के लिए मेहनत करते हैं तो दबाव बढ़ता है, परिश्रम ज्यादा करना पड़ता है। गांधीजी कहते थे, श्रेय और प्रिय। हमने श्रेय का रास्ता चुना और प्रिय लगने वाला रास्ता छोड़ा। दिनरात मेहनत करेंगे, लेकिन जनता की उम्मीदों को चोट नहीं पहुंचने देंगे।

7.  वोट नहीं था इसलिए नॉर्थ-ईस्ट में बिजली नहीं पहुंचाई
प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में नॉर्थ ईस्ट का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथां लेते हुए कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट के गांवों में बिजली नहीं थी। दूरदराज के गांव थे, नॉर्थ ईस्ट के गांव थे। पहाड़ी गांव थे। इनके वोट बैंक नहीं थे इसलिए इनकी सरकार ने यहां बिजली पहुंचाने पर ध्यान नहीं दिया। हमने कहा कि हम मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचेंगे। हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई। खुशी है कि दूरदराज के गांवों को आजादी के इतने सालों बाद आशा की किरण दिखाई दी।’ मोदी ने आगे कहा, ‘पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी। पहले गांव में एक खंबा गाड़ देते थे तो हर साल उसकी एनिवर्सिरी मनाते थे। हम आज 22 घंटे बिजली देने में सफल हुए हैं। हमने लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा। राजनीतिक फायदे-घाटे की बात नहीं सोची। देश का कल उज्ज्वल बनाने का रास्ता चुना। मेहनत का रास्ता चुना।’

8. आदिवासियों को विकास से दूर रखा
पीएम मोदी ने आदिवासियों का जिक्र करके भी कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है, लेकिन वो अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं। जनता ये देख रही है। हर मौके पर उन्हें सजा देती रही है। 1857 से लेकर 2014 तक हिंदुस्तान का कोई भी भूभाग उठा लीजिए। आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का योगदान सुनहरे पन्नों से भरा है, लेकिन दशकों तक आदिवासी भाईयों को विकास से वंचित रखा गया। विश्वास का सेतु तो कभी बना ही नहीं। नौजवानों के मन में बार-बार सरकारों के लिए सवाल उठते गए। सही नीयत से आदिवासियों के कल्याण के लिए समर्पण से काम किया होता तो 21वीं सदी के तीसरे दशक में मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। अटल बिहारी सरकार में आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट की व्यवस्था हुई।’ 

9. राजनीति के लिए किया किसानों का इस्तेमाल 
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किसानों की बात भी कही। किसानों का जिक्र करके पीएम ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों के लिए पहले क्या नीति थी? ऊपर के कुछ वर्ग को संभाल लेना और उन्हीं से अपनी राजनीति चलाना ही लक्ष्य था। छोटे किसान उपेक्षित थे, उनकी आवाज कोई नहीं सुनता था। हमारी सरकार ने छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें बैंकिंग से जोड़ा और आज साल में तीन बार किसान सम्मान निधि उनके खातों में जमा होती है। हमने मिलेट ईयर के लिए यूएन को लिखा। ये छोटे किसान उगाते हैं। जैसे श्रीफल का महत्व होता है, वैसे ही मिलेट को श्री अन्न का दर्जा मिले। इससे छोटे किसानों को मजबूती मिलेगी। मोटा अनाज पोषण के लिए भी बड़ी ताकत है। किसानों के साथ-साथ इससे देश को भी बड़ा फायदा मिलेगा।’ 

10. हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम किया
प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल के दौरान वैक्सीन और देश के वैज्ञानिकों को लेकर हुई टिप्पणी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों को नीचा दिखाने के लिए कितने प्रयास हुए। आर्टिकल लिखे गए, टीवी में बोला गया। ये विज्ञान के विरोधी लोग, ये टेक्नोलॉजी के विरोधी लोग हैं। हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम करने का मौका नहीं छोड़ते। हमारे नौजवान नए अनुसंधान कर रहे हैं, ये उन्हें बदनाम कर रहे हैं। इन्हें देश की चिंता नहीं है, अपनी राजनीति की चिंता है। हमें खुशी है कि आज 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल मेरे देश के हाथ में है। कभी इम्पोर्ट करते थे, गर्व है आज एक्सपोर्ट कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, डिजिटल दुनिया में आज हिंदुस्तान दुनिया का लीडर बना हुआ है। एक समय था, हम मोबाइल इंपोर्ट करते थे, आज मेरा देश मोबाइल एक्सपोर्ट कर रहा है। यह भी पढ़े:रामचरित मानस को पहले पढ़े स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल फिर दे बयान: अपर्णा यादव

हर तकनीक को देश बहुत तेज गति से अपना रहा है, उसका विस्तार कर रहा है। हमने दवाइयां पहुंचाने का काम ड्रोन से हो रहा है, इसके लिए हमने पॉलिसी का बदलाव किया है।’ पीएम मोदी ने कहा, देश को आधुनिक होना है, नए संकल्पों को सोचना है तो साइंस और टैक्नोलॉजी को नकार नहीं सकते। हम टुकड़ों में नहीं सोचते हैं। हम हर दिशा में काम कर रहे हैं। हमने स्पेस के क्षेत्र में प्राइवेट भागेदारी का सपना पूरा किया। मुझे खुशी है देश के नौजवान प्राइवेट सैटेलाइट छोड़ने का सपना देखते हैं, यह गर्व की बात है। यूनिकॉर्न की दुनिया में हम तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।  

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