एजेंसी। पाकिस्तान मौजूदा वक्त में गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, देश में विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी की वजह से सरकार कई जरूरी वस्तुएं आयात नहीं कर पा रही है। वहीं, देश में महंगाई चरम पर है, गरीबी और भुखमरी बढ़ने से हालात धीरे-धीरे और बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान में लोगों की शहबाज सरकार से नाराजगी बढ़ती जा रही है। पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार पर उनके साथ भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. यहां के नाराज लोग अब पीओके को भारत में मिलाने की मांग दोहरा रहे हैं। यह भी पढ़ें:पॉलीटेक्निक फ्लाईओवर से नीचे गिरी एसयूवी, दर्दनाक हादसे में तीन की मौत: पढ़े विस्तार से
पीओके को भारत में शामिल करने की मांगपाक अधिकृत कश्मीर गिलगित बाल्टिस्तान से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ पिछले कुछ वक्त से लगातार आवाज उठाई जा रही है, लोग सड़कों पर उतरकर जुलूस निकाल रहे हैं। गंभीर आर्थिक संकट के बीच वहां के लोगों की मांग है कि उनके इलाके को भारत में मिला दिया जाए। विरोध प्रदर्शन को लेकर कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं, जुलूस में शामिल लोग करगिल सड़क को खोलने की डिमांड कर रहे हैं लोगों ने नारा लगाया- ”आर पार जोड़ दो, कारगिल को खोल दो.”प्रोफेसर मुक्तदर खान ने क्या कहा था पाक अधिकृत कश्मीर के लोग अब देश की सेना के विरोध में भी खुलकर सामने आ रहे हैं। वहीं, तालिबान की तरफ से भी पाकिस्तान को लगातार चेतावनी दी जा रही है. ऐसे में अब धीरे-धीरे पाकिस्तान सरकार की भी बेचैनी बढ़ती जा रही है। यह भी पढ़ें:पार्टी विरोधी गतिविधियों में ऋचा सिंह , रोली तिवारी मिश्रा सपा से निष्कासित
अभी हाल ही में अमेरिका के डेलावेयर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मुक्तदर खान ने भी पाकिस्तान सरकार को घेरा था. उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार से एक चर्चा के दौरान इस बात का जिक्र किया था कि भारत अगर चाहे तो जंग का एलान कर पीओके और बाकी के हिस्सों को अपने में मिला सकता है, भारत ने नहीं उठाया PAK की नाजुक हालत का फायदापाकिस्तान में गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच प्रोफेसर मुक्तदर खान ने कहा था कि पाक सरकार को भारत का शुक्रिया अदा करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की नाजुक हालत का भारत ने कभी फायदा उठाने की कोशिश नहीं की है, पाकिस्तान को ये बात हमेशा याद रखनी चाहिए.इसके अलावा उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि पाकिस्तान के नेताओं को समझना होगा कि भारत के नेता अधिक सम्मानित हैं और उनके जैसे बिल्कुल नहीं हैं. उन्होंने साफ तौर से कहा कि था पाकिस्तान की लीडरशिप और वहां की आम जनता भी ये समझती है कि उनका देश अब भारत से लड़ने से पहले कई दफा सोचेगा।
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