भारत में सबसे पहले किसने खरीदी थी कार जाने उसके बारे में

दिल्ली। आज के समय में जब कोई कार खरीदता है तो उनके फैंस और चाहने वालों को सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत जल्द पता चल जाता है। लेकिन पहले के समय में कोई कार या अन्य चीजें खरीदता था तो लोगों को पता ही नहीं चल पाता था। आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिसने दुनिया की पहली कार खरीदी थी, यह जानकारी शायद किसी को भी नहीं होगी कि भारत के अंदर सबसे पहले कार किस व्यक्ति ने खरीदी और क्या करता था यह व्यक्ति। जमशेद टाटा ने खरीदी थी पहली कारजमशेद टाटा भारत के पहले ऐसे नागरिक थे जिन्होंने 1898 में कार खरीदी थी, 1897 में भारत में द क्रॉम्पटन ग्रीव्स बॉस नाम के अंग्रेज के पास कार हुआ करती थीं। यह भी पढ़ें:“ब्राह्मण समाज नाराज” RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की दी तहरीर

मगर अगले ही वर्ष टाटा समूह के जमशेद टाटा ने कार खरीद ली थी, जमशेद टाटा, टाटा समूह के संस्थापक थे, एंबेसडर थी मेड इन इंडिया कारभारत में सबसे पहली कार हिंदुस्तान एम्बेसडर आई थी। यह भारत में ही निर्मित होती थी, जो काफी हद तक यूके के मॉरिस ऑक्सफोर्ड पर आधारित थी, इसे मॉरिस मोटर्स यूके के साथ तकनीकी सहयोग से कोलकाता में निर्मित किया गया था और बाद में यह हिंदुस्तान मोटर्स का एंबेसडर बन गया था। यह पहली बार 1948 में निर्मित की गई थी, इसका सबसे पहले परिचालन गुजरात में हुआ था, इसके बाद कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह भी पढ़ें:मोदी सरकार नहीं चाहती कि अडानी ग्रुप पर संसद में हो चर्चा: राहुल गांधी

टाटा का कारोबार 16 लाख करोड़ से भी अधिक1991 में जेआरडी टाटा से बागडोर संभालने के बाद रतन टाटा, टाटा समूह के पांचवें निदेशक बने थे। जब रतन टाटा, टाटा समूह में शामिल हुए तो इसका वार्षिक कारोबार लगभग 10,000 करोड रुपये था जो कि अब सालाना 16 लाख करोड रुपये हो गया है। कार देखने वालों की लगती थी भीड़ में जमशेद टाटा जब उन दिनों कार से चलते थे तो कार देखने वालों की भीड़ लग जाती थी, जहां से भी निकलते थे, वहां लोग खड़े होकर कार को देखने लगते थे। उस समय भारत के अंदर गिने-चुने लोगों के पास काम हुआ करती थी।

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